Description
“माधवमहिमा”
“माधवमहिमा” एक भावपूर्ण अभिनंदन ग्रंथ है, जो सुप्रसिद्ध संस्कृताचार्य, भाषाविद् एवं कवि प्रो.माधव मुरलीधर देशपांडे को समर्पित है। यह ग्रंथ वत्स देशराज शर्मा द्वारा संपादित किया गया है और देववाणी परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया है। यह ग्रंथ आचार्य माधव देशपांडे की विद्वत्ता, साहित्यसेवा, शोधकार्य और संस्कृत के प्रति उनके अविरल समर्पण का सम्मानस्वरूप प्रस्तुत किया गया है।
इस ग्रंथ में पाँच अध्याय हैं:
1. माधवमाङ्गल्यम् – आशीर्वचन, शुभाशंसा और अभिनंदन संदेश
2. माधवस्मृतिकोषः – देशपांडे जी के जीवन, शिक्षण और सेवा यात्रा का वर्णन
3. माधवव्यक्त्यभिव्यक्तिः – देशपांडे जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर संस्मरणात्मक लेख
4. माधवीयकाव्यसंचयः – स्वयं माधव देशपांडे द्वारा रचित संस्कृत काव्य
5. माधवकाव्यसमालोचनम् – उनके काव्य की समीक्षात्मक विवेचना
यह ग्रंथ न केवल एक विद्वान का अभिनंदन है, अपितु आधुनिक संस्कृत साहित्य, भाषा विज्ञान, और भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक प्रेरणास्पद प्रस्तुति भी है।
प्रो.माधव देशपांडे ने पुणे में पारंपरिक संस्कृत शिक्षा ग्रहण कर अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से पीएच.डी. प्राप्त की तथा दशकों तक मिशिगन विश्वविद्यालय (यू.एस.ए.) में संस्कृत और भाषाविज्ञान का शिक्षण किया। उन्होंने पाणिनीय व्याकरण, वेद, वेदांग, पालि, समाजभाषाविज्ञान आदि विषयों पर उत्कृष्ट शोधकार्य किया है।
“माधवमहिमा” ग्रंथ में भारत और विदेश के अनेक संस्कृतज्ञ विद्वानों, आचार्यों, कवियों और समीक्षकों ने अपने लेख, कविताएं, संस्मरण और स्तुतिगान प्रस्तुत किए हैं, जिससे यह ग्रंथ समसामयिक संस्कृत-जगत् का एक दर्पण बन गया है।
यह ग्रंथ निःसंदेह संस्कृतप्रेमियों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरणास्पद है।
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